Saturday, December 9, 2017

शहीद सिपाही भृगुनंदन चैधरी

             दिनांक 8 सितंबर 2012 को बिहार के गया और औरंगाबाद जिले के चकरबंधा जंगल में चार दिवसीय आपरेषन का दूसरा दिन था जब श्री महेंद्र कुमार, द्वितीय कमान अधिकारी और श्री सिंकू षरण सिंह, सहायक कमांडेंट की कमान में 205 कोबरा की टीमें नक्सलियों द्वारा विस्फोट की गई आईईडी की चपेट में आ गईं और उसके बाद अपनी मजबूत पोजीषन से माओवादियों ने उन पर फायरिंग कर दी। सुप्रषिक्षित बल की टुकड़ियों ने सक्रिय रूप से जवाबी गोलीबारी की। 
               दोनों तरफ से हो रही गोलीबारी के बीच श्री महेंद्र कुमार, श्री सिंकू षरण सिंह, उप निरीक्षक मोहन सिंह बिश्ट, सिपाही अमित कुमार, सिपाही अजीत कुमार सिंह और सिपाही नवनीष कुमार जैसे निर्भीक लड़ाकों के एक गुट ने रेंगकर बढ़ते हुए लाभकारी पोजीषन हासिल की और दो माओवादियों को ढेर कर दिया। डसके बाद इस टीम ने एचई ग्रेनेड दागे, यूबीजीएल और मोर्टार से फायर किए और 5 घंटे तक चली इस मुठभेड़ में नक्सलियों को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया। 
                 इस दौरान श्री नीरज कुमार, सहायक कमांडेंट के नेतृत्व में सिपाही भृगुनंदन चैधरी और सिपाही दलीप सिंह की एक टीम पीछे की ओर से हमला कर रही थी तभी उन पर भारी जवाबी गोलीबारी हुई जिसमें सिपाही भृगुनंदन चैधरी और सिपाही दलीप सिंह ने एक नक्सली को मार गिराया। उसी समय नक्सलियों ने एक आईईडी विस्फोट करके दोनों जांबाज़्ाों को घायल कर दिया। परंतु अपने घावों से विचलित हुए बिना वे तब तक लड़ते रहे जब तक कि उन्होंने नक्सलियों को पीछे लौटने पर मजबूर नहीं कर दिया। नक्सलियों ने अपने कैडर के षवों को खींच कर ले जाने की दोबारा कोषिष की और उस प्रयास में घायल सिपाही भृगुनंदन चैधरी और सिपाही दलीप सिंह पर भारी फायरिंग की। 
              जोरदार फायरिंग के बीच फंसे और टांगों में भयानक दर्द के बावजूद सिपाही भृगुनंदन चैधरी नजदीकी खड्डे तक रेंगकर गए, पोजीषन ली और आगे बढ़ रहे माओवादियों पर कहर बरपा दिया। उनकी ताबड़तोड़ फायरिंग ने माओवादियों को बहुत नुकसान पहुंचाया और कई माओवादी गिरते देखे गए इसलिए माओवादी अपना इरादा छोड़कर वहां से भाग खड़े हुए। इस अत्यधिक सफल आपरेषन में सीपीआई (माओवादी) के जोनल कमांडर सहित 12 माओवादी मारे गए। 
              प्रतिकूल परिस्थितियों में प्रदर्षित उत्कृश्ट षौर्य, अदम्य साहस और उच्च कोटि की कर्तव्यपरायणता के लिए शहीद सिपाही भृगुनंदन चैधरी को कीर्ति चक्र से तथा अन्य सात कार्मिकों को वीरता के पुलिस पदक से सम्मानित किया गया।

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