Thursday, March 23, 2017

शायरी

अपनी तो ज़िन्दगी अजीब कहानी है,
जिस चीज़ की चाह है वो ही बेगानी है,
हँसते भी है तो दुनिया को हँसाने के लिए,
वरना दुनिया डूब जाये इन आखों में इतना पानी है।
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तुझे चाहा भी तो इजहार न कर सके,
कट गई उम्र किसी से प्यार न कर सके,
तुने माँगा भी तो अपनी जुदाई मांगी,
और हम थे की इंकार न कर सके!
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आरज़ू होनी चाहिए किसी को याद करने की,
लम्हें तो अपने आप मिल जाते हैं,
कौन पूछता है पिंजरे में बंद परिंदों को,
याद वही आते हैं जो उड़ जाते हैं।
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अपनी बेबसी पर आज रोना आया!
दूसरों को नहीं आज मैंने अपनों को आजमाया!
हर दोस्त की तनहाइयां दूर की!
लेकिन हर मोड़ पर आज खुद को अकेला पाया!
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खुशी मिली तो मुस्कुरा न सके,
गम मिला तो आंसू बहा न सके,
जिन्दगी का यही राज है,
जिसे चाहा उसे पा न सके,
औऱ इतना चाहा कि उसे भुला न सके।
------------------------------- दोस्तों की कमी को पहचानते है हम,
दुनियाँ के गमों को भी जानते है हम,
आप जैसे दोस्तों के ही सहारे,
आज भी हँस कर जीना जानते है हम...!
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आँखों मे आ जाते हैं आँसू,
फिर भी लबो पे हँसी रखनी पडती है,
ये मुहब्त भी क्या चीज है यारों,
जिस से करते हैं उसी से छुपानी पडती हैं...!
------------------------------- जिसमे याद ना आए वो तन्हाई किस काम की,
बिगड़े रिश्ते ना बने तो खुदाई किस काम की,
बेशक इंसान को ऊंचाई तक जाना है,
पर जहाँ से अपने ना दिखें वो उँचाई किस काम की।
------------------------------- तमाम उम्र ज़िंदगी से दूर रहे;
तेरी ख़ुशी के लिए तुझसे दूर रहे;
अब इस से बढ़कर वफ़ा की सज़ा क्या होगी;
कि तेरे होकर भी तुझसे दूर रहे।

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